Little Known Facts About Hindi poetry.
वीर सुतों के वर शीशों का हाथों में लेकर प्याला,
'राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।'। ६।
नशा न भाया, ढाला हमने ले लेकर मधु का प्याला,
देख रहा हूँ अपने आगे कब से माणिक-सी हाला,
दे मुझको वो कान्धा जिनके पग मद डगमग होते हों
शेख, बुरा मत मानो इसको, साफ़ कहूँ तो मस्जिद को
साकी बन आती है प्रातः जब अरुणा ऊषा बाला,
अभी युगों तक सिखलाएगी ध्यान लगाना मधुशाला!।४९।
देखो कैसों-कैसों को है नाच नचाती मधुशाला।।४०।
जिस click here साकी के पीछे मैं था दीवाना, न मिला साकी,
पीड़ा, संकट, कष्ट नरक के क्या समझेगा मतवाला,
लिखा भाग्य में जैसा बस वैसा ही पाएगा प्याला,
लालायित अधरों से जिसने, हाय, नहीं चूमी हाला,
रह-रह जाती है बस मुझको मिलते-िमलते मधुशाला।।९४।